रक्षाबंधन: अपने शुभ संकल्प से कभी भी विचलित मत होना
हमें दूर भले किस्मत कर दे अपने मन से न जुदा करना सावन के पावन दिन भैया बहना को याद किया करना बहना ने भाई की कलाई से प्यार बाँधा है प्यार के दो तार से, सँसार बाँधा है रेशम की डोरी से सँसार बाँधा है बहना...
View Articleआम जनता के लिए राज्यसभा अपनी प्रासंगिकता खो चुकी है
गुजरात में राज्यसभा के लिए हुए चुनाव में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अहमद पटेल हार की कगार पर पहुंचकर भी अन्तोगत्वा आधे वोट से जीत कर पांचवी बार राज्यसभा में पहुँचने में कामयाब हो गए हैं. उनकी इस जीत ने...
View Articleजन्माष्टमी: भगवान् श्रीकृष्ण के आध्यात्मिक सन्देश
भगवान श्रीकृष्ण के जन्म के उपलक्ष्य में इस वर्ष सन 2017 में 14 अगस्त को जन्माष्टमी पूरे देशभर में बड़ी धूमधाम से मनाई जाएगी. हिन्दू काल गणना के अनुसार भगवान श्रीकृष्ण का जन्म आज से लगभग 5,235 वर्ष पूर्व...
View Articleमायावती: हिन्दू धर्म त्याग कर ‘बौद्ध धर्म’ अपनाने की धमकी के निहितार्थ
कुछ रोज पहले आजमगढ़ में एक रैली को संबोधित करते हुए बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) की प्रमुख मायावती ने कहा, ‘मैं बीजेपी को खुली चेतावनी देती हूं कि अगर उन्होंने दलितों, आदिवासियों, पिछड़ों तथा धर्मांतरण...
View Articleउग्र बच्चे उत्तरदायी कौन ?
लखनऊ के एक स्कूल में सातवीं में पढ़ने वाली एक छात्रा ने जिस तरह से पहली कक्षा के मासूम बच्चे पर जानलेवा हमला कर उसे जान से मारने की कोशिश की वह हमारे समाज की वर्तमान व्यवस्था को झकझोरने के लिए काफी है...
View Articleराम मंदिर और कानून
किसी भी गंभीर मुद्दे पर देश के लोकतंत्र के चारों मुख्य स्तम्भों को किस तरह से कार्य करते हुए संविधान की रक्षा की तरफ कदम बढ़ाने चाहिए इस पर कोई एक राय अभी तक नहीं बन पायी है क्योंकि देश के सामने समय समय...
View Articleबेरोजगारी भत्ता या श्रम सृजन
देश में भले ही आगामी लोकसभा की चुनावी महाभारत से पहले कांग्रेस के तीन राज्यों में किसानों की कर्जमाफी की घोषणा से स्थितियां कुछ हद तक उसके पक्ष में हुई हो पर उससे किसानों की दशा पूरी तरह सुधारी नहीं जा...
View Articleसीबीआई विवाद और न्याय
आज सिर्फ अपनी साख बचाने के लिए जिस तरह से मोदी सरकार ने सीबीआई वाले मामले में अनावश्यक दखलंदाज़ी की इससे यही पता चलता है कि इस सरकार के लिए संस्थाओं की साख कोई मायने नहीं रखती है क्योंकि जब सीबीआई का...
View Articleअस्पष्ट जनादेश और नैतिकता
आज़ादी के बाद काफी समय तक देश की जनता ने केवल कांग्रेस को सत्ता देने को अपनी प्राथमिकता में रखा उसके बाद एक समय ऐसा भी आया जब संविधान के अनुरूप किसी भी दल के पास स्पष्ट बहुमत का अभाव दिखाई देने लगा...
View Articleधर्मसंकट
‘बाबू जी, इस बार आप रावण के पुतले नहीं बनायेंगे’ रमना ने सुखिया से कहा। ‘बेटी, शायद कुछ ही पुतले बना पायें’ सुखिया उदास होता हुआ बोला ‘इस बीमारी ने सब कुछ बदल कर रख दिया है।’ ‘फिर आप पैसे कैसे...
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